बुधवार, 23 मार्च 2016

मैथिली गल्प : कका, होली आ बिहार सरकार

विरंची कका एहि बेर होली में बड्ड उत्साहित छैथ। गामक घर घर जा कए सब कें निमंत्रण द रहल छथि जे एहि बेर हमरो आतिथ्य स्वीकार करू। मुदा महिला आ बच्चा छोड़ि कए। 

जखन हमरा लग नओत देबय अयलाह त हुनका बैसा कए चाह पिया कए एहि सदाशयताक कारण पुछल्यन्हि। कका पहिने त टारलैन्ह मुदा फेर कह, बिहार सरकारक कृपा भेल अछि। हम अचकचा गेलहुं। से कोना? बाबा विहुंसइत बजलाह, होली मने आब लोक मात्र दारू बुझैत अछि। तों त जनिते छ जे तोहर काकी एहि बेर मुखियाक चुनाव में भाग्य आजमाइश क रहल छ्थुन्ह। वोटक जोगाड़ लेल त इ सब करए पड़त। हम कहलियेन एहि में त बहुत खर्च भ जएत ।

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मुदा काका मंद मंद मुस्कैत कहलैत-एखन त किछु नहि। सब भाज बैसा लेने छी।

हम पुछल्येन्ह-से की? काका हमरा कान लग फूस फुसा कए कहलथि-हमर दोस्त मंगलबा मोन छह नए? ओकर बेटा कें देशी विदेशी दारूक दोकान छैक। मुदा एक अप्रेल सं देशी दारू बंद भ जेतैक आ विदेशी दारू मात्र सरकारी दोकान में भेटतै। मंगलबा क बेटा हमरा संग डील कैने अछि जे ओ दू बोरा देशी आ एक कार्टून विदेशी हमरा मुफ्त में देत। मुखिया बैन जय्थुंह तोहर काकी त हमहूँ एकटा योजना ओकरा देबै। हम पंचायत चुनावक इ समीकरण, से हो मुफ़्तौआ सुनि कए ककाक बुधि पर अफ़सोस क अलावा और की क सकैत छी।

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