मिथिला धरोहर : दरभंगा जिलाक, बहेरी प्रखंडक देवकुली - सिसौनी ( Devkuli Sisoni ) मुख्य सड़क पर हावी गांव मे स्थित हैहट देवी ( Havidih Bhagwati, Baheri ) के मूर्ति के दर्शन आ पूजा-अर्चना लेल लोग दूर-दूर सँ एतय आबैत छथि। भगवती के दरबार मे जे भक्त समर्पित भावना सँ कोबला-पाती लऽ के आबैत अछि मैया हुनक मनोकामना पूर्ण करैत छथिन।
हावीडीह गामक डीह टोल पर स्थापित अहि मंदिर के सिद्ध पीठक रूप मे सेहो जानल जाइत अछि। एक दिस अष्टभुजी माँ दूर्गा तऽ दोसर दिस माँ काली विराजमान छथिन।
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गामक लोगक अनुसार, अहिके स्थापना कर्नाट वंशीय शासक राम सिंह देव लक्ष्मण संवत् 212 अर्थात 1331 ई० मे केने छलैथ। अहिके उल्लेख चरण पादुका पर सेहो उत्कृण अछि। हाले मे (लगभग 10-12 साल पहिले) तेलक खोजक लेल आयल स्कॉलैण्ड के कंपनी कैनन इंडिया आधार बनेबा के लेल मंदिरक लग सँ मैटक उठाव केलक तऽ सूर्य के प्रतिमा आ महादेव के शिव लिंग भेटल। अहिके देवी के मंदिरक प्रागंण मे दोसर मंदिर बना कऽ स्थापित कऽ देल गेल।
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एतय नवरात्रा मे बलि प्रदानक सेहो प्रथा अछि। आसपासक लोगक कहवा अछि जे हावी के भगवती नवादा सँ एकटा भक्त पर प्रसन्न भऽ एतय आयल छलखिन। हावीडीह केर ग्रामीण के कहव अछि जे एतय दशहरा मे दू चरण मे माँ केर पूजा-अर्चना कैल जाइत अछि।
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