मधुबनी : दुनिया भरी मे मैथिली भाषा के अपन अलग महत्ता रहल अछि। मिथिलांचलक अलावा नेपाल मे सर्वाधिक बाजल जाय बला मैथिली के विकासक दिशा मे कुमकुम झा ( Kumkum Jha sahityakar ) केर प्रयास निरंतर जारी छनि। मधुबनी जिलाक महिनाथपुर गामक बेटी आ छतौनी गामक निवासी आरएन झा केर जीवन संगनी कुमकुम झा के हृदय मिथिला - मैथिली लेल धडकै छनि। शिक्षिका पद पर कार्यरत कुमकुम झा के मैथिली भाषा के विकासक ललक एकटा सफल साहित्यकार आ लेखिका केर मुकाम पर पहुंचा देलनी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी केर पुस्तक 'मेरी एक्यावन कविताएं' के कुमकुम झा मैथिली मे 'हमर एकावन कविता' के नाम सँ अनुवाद केलनि। अहि पुस्तक के विमोचन श्री वाजपेयी केर जन्मदिन पर २५ दिसंबर २०१२ के भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के हाथ भेल छलनी। ओतय गोवा के राज्यपाल मृदुला सिन्हा केर पुस्तक 'सीता पुनि बोली' के मैथिली अनुवाद केलनि। अहिके विमोचन मारिशस मे १ सितंबर २०१७ के मारिशस मे मारिशस के शिक्षा मंत्री लीला देवी लक्ष्मण के हाथो भेलनि।
कुमकुम झा केर दु टा पुस्तक और प्रकाशित भ चुकल छनि। मैथिली, भोजपुरी अकादमी के सौजन्य सँ 'शब्दक बरियाती' अहिमे मैथिली के सौ कविता के संकलित कैल गेल अछि। संगेह 'स्नेह कुसुम' कविता संग्रह मे कुमकुम झा मैथिली आ हिंदी के ५१-५१ कविता के संक्लित कैल गेल अछि। कुमकुम झा के दुगो पुस्तक अखन प्रकाशनाधीन छनि, अहिमे संस्कृत के प्रकांड विद्वान महाकवि कालीदास रचित मेघदूतम के संस्कृत सँ मैथिली मे अनुवाद अछि। दोसर पुस्तक यात्रा वृतांत पर अछि।
कुमकुम झा मैथिली के विकासक संगे सामाजिक काज मे बैढ़-चैढ़ के हिस्सा लैत रहल छथि। सुगति सोपान नामक संस्था के माध्यम सँ समाज सेवा काज मे जुट छथि। संस्था के अध्यक्ष आ मैथिली साहित्य के क्षेत्र मे प्रसिद्ध कुमकुम झा अपन संस्था के माध्यम सँ समाजसेवा, शिक्षा आ सांस्कृतिक कार्यक्रम के बढ़ावा द रहल छथि।
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