गुरुवार, 14 नवंबर 2019

लोकप्रिय शास्त्रीय गायक, मिथिला सम्राट श्री हरिनाथ झा जीक जीवनी

एक बेर पबित्र भूमि मिथिला में बरखा नहि भरहल छलै तखन राजस्थान सँ ध्रुपद गायक सब आबि मेघराग (बादलराग) गेने छल, तत्पश्चात चिक्कन बरखा भेलै। कहबाक भाव इ जे संगीत त जानवरोक पियरगर होय छै आ संगे अदभुत शक्तिशाली सेहौ होयै। सुर कें जखन गायक/गायकी अपन कंठ दे छथिन त मौन, अह गद-गद भ जाय छै। आधुनिक मैथिली जगत में ऐहने अदभुत नाम अछि, श्री हरिनाथ झा जी।

मैथिली गायन, संगीतकार, आ ध्रुपद गायन सब क्षेत्र में अदभुत प्रतिभा सम्पन्न आदरनीय हरिनाथ झा जीक जन्म मिथिलाक दरभंगा जिला अंतरगत मधुप नगर कोर्थु में सन  6  जून 1967 कें स्वर्गीय बलराम झा आ रामदाय  देवीक परिवार में भेलनि। 




इ राज्कृत जनता उच्च विधालय, शिवनगरघाट (कोर्थु) सँ 1983  मे माध्यमिक, 1985  मे सी०एम० साइंस कॉलेज,दरभंगा सँ I.Sc  केला ओते सँ पदार्थ विज्ञानं सँ 1988  मे स्नातक केला।
शिक्षाक  संगे-संग  इ अपन नैनापन रूचि संगीत दिस सेहो आगू बढला। इ दरभंगा में खंडेवाल जी सँ संगीतक शिक्षा ग्रहण करैत छला, संगे-संग इ नुक्कर नाटक, इफटा, नेहरु युवा केंद्र आ  आकाशवाणी दरभंगा में तरुण-कुसुम कार्यक्रम मे लगातार गाबैत रहला। तत्पश्चात इ दिल्ली आबि गेला, सन 1990  सँ 2001  धरि नीलम कैसेट नई दिल्ली मे संगीतकारक पद पर रहला, आ कतेको कैसेट वा कलाकार क अपन संगीतक बल पर हिट बनौलेत। फेर टी- सीरीज मे 2001 ई० में इ जट-जटीन  सन पारंपरिक मैथिली गीतक संयोजनक संगीत देलनि।

सन 2005  सँ अनवरत रुपे ध्रुपद गायकी मे देश-विदेश  मे अपन परचम  फहरा रहल  छथि। इ ध्रुपद संगीतक  विधा ध्रुपद संगीतक  महान गायक  उस्ताद वसिफुद्दीन डागर स  ग्रहण केलैथ, इ उस्ताद वसिफुद्दीन डागरक  शिष्य छथि। जे हिनका ध्रुपद गायकीक ज्ञान द रहल छथि।
आइ संप्रति इ दक्षिण अफ्रीका मे रहि रहल छथि। इ कोलकाताक मिथिला विकाश परिषद् दुआरा 2001  मे मिथिला सम्राटक अलंकार सँ विभूषित कैल गेला जे हिनक अदभुत मैथिली सेवा लेल देल गेलनि। छतीसगढ़ केर मैथिली मंच दुआरा विधापतिक गायनक "दादा फाल्के पुरस्कार सँ सेहो सम्मानित छथि।

Hari Nath Jha, A Biography of Korthu Ratn Harinath Jha






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