मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

मैथिलीक प्रसिद्ध गीतकार रवींद्रनाथ ठाकुर परिचय - Rabindranath Thakur Biography

मैथिली साहित्यक लिविंग लीजेंड, मैथिली गीतक राजकुमार, मूर्धन्य गीतकार रवींद्रनाथ ठाकुर जीक जन्म हुनक मातृक मधुबनी जिलाक ननौर गाममे ७ अप्रैल १९३६ ई. केँ भेल छलनि। हिनकर पैतृक आवास पूर्णियाँ जिलाक धमदाहा गामक दच्छिनबारी टोलमे छनि।स्नातकोत्तर कयलाक पछाति बिहारक सरकारक वित्त विभागमे चाकरी कयलाह आ संगहि मैथिली अकादमी पटनामे क्रमशः सहायक निदेशक आ निदेशक केर रूपमे अपन महत्वपूर्ण योगदान देलाह। प्रारम्भ सँ हिनक सोच रहलनि अछि, साहित्य सृजन जे केओ क' रहलाह अछि हुनक रचनाधर्मिताक धार कुंद नहि होमक चाही, किएक कोनो भाषाक समृद्धि मे साहित्यक बड्ड पैघ योगदान होइत अछि। ई स्वयं सेहो एकरा आत्मसात क' लिखैत रहलाह, तकरे परिणाम अछि जे हुनक गीत सभमे मैथिलीक आत्मा बसैत अछि।
चिट्ठीकेँ तार बूझू, भरि नगरीमे शोर, के थिक मैथिल-की थिक मिथिला, अर्र बकरी, माताजी विराजे मिथिले देसमे, चलू चलू बहिना, सुन सुन सुन पनिभरनी गे, पिरिये पिराननाथ, चल मिथिलामे चल, हम मिथिलेक जलसँ, चारि पाँति सुनू राम केर नामसँ, यार कुसियार यार, हमर सासुजीक जेठका दुलरूआ, तांगा चलल अलबेला, रूकियौ कने त' बारि दिअ, बिढ़नी बिन्हलकौ थुम्हा फुलेलकौ आदि कतेको रास हिनक लिखल गीत सभ अछि जे कालजयी अछि। मिथिलाक माटि-पानि सँ सानल ई गढ़नि सभ समयक औरान धरि अपन ई मैथिली पूत पर गुमान करबाक अवसरि हमरा सभकेँ देत से विश्वास अछि। रविन्द्र जी गीत मात्र लिखबे टा नहि कयलाह, महेंद्र झा जीक संग कतेको मंच पर हुनका संग गाबितो छलथि। बिना साज-बाजकेँ लोक हिनका दुनूकेँ सुनबा लेल आतुर रहैत छल। बरू आइ महेंद्र झा जी एहि मर्त्यलोक सँ विदा भ' गेला परंच आइयो हुनक अबाज कानमे ओहिना गूंजि रहल अछि। मैथिली गीतक पहिल ऑडियो कैसेट हिनके दुनूक अबाजमे दूभि-धान नामसँ बहरायल छल।

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मैथिलीक लोकप्रिय सिनेमा 'ममता गाबय गीत' हमरा लोकनिक स्मृति पटल सँ कहियो बिलगा नहि सकैत अछि। ताहिमे मात्र गीतकारक रूपमे अपितु सम्पूर्ण सिनेमाक बनेबामे हिनक एकटा महत्वपूर्ण योगदान छनि तकर पश्चात एकटा हिंदी सिनेमा 'आयुर्वेद की अमर कहानी' क' लेखन आ निर्देशन दुनू कयलनि। मैथिली सिनेमा 'नाच' पर काज शुरू भेल छल मुदा ओ पूर्ण नहि भ' सकल।

रविन्द्र जीक गीत, कविता, उपन्यास, नाटक आदि सभ मिलाक' एखन धरि कुल पनरह गोट पोथी प्रकाशित छनि, मुदा बेसी गीत संग्रह छनि। जाहिमे चौदह गोट मैथिली आ मात्र एक टा हिंदीक अछि जे प्रायः हिनक नाटक छनि। चलू चलू बहिना, जहिना छी तहिना, स्वतन्त्रता अमर हो हमर, प्रगीत, रविन्द्र पदावली, पंचकन्या, एक राति, नरगंगा, चित्र-विचित्र, सुगीत, अतिगीत, एक राति, श्री सीता चालीसा आदि हिनक प्रमुख कृति छनि।

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प्रबोध सम्मान सँ सम्मानित, पहिल मैथिली सिनेमाक गीतकार आ मैथिलीमे युगल-गायन परम्पराक प्रवर्तक आदरणीय रविन्द्रनाथ ठाकुर जीके देहांत 19, मई 2022 के नोएडा मे भेलनि। तहन हिनकर उम्र 86 वर्षक छलनी।
आलेख - पंकज 

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