मिथिला धरोहर : वैदिक ज्योतिष आ हिन्दू पंचांग गणनाक अनुसार सूर्य एकटा राशि मे एक महीना धैर रहैत अछि। जेखन सूर्य १२ राशि'क भ्रमण करैत बृहस्पति राशि'क धनु और मीन, मे प्रवेश करैत अछि, तहन अगिला ३० दिन अर्थात एक महीनाक अवधि के खरमास कहल जाइत छैक। एकरा मीन संक्रांति या मल मास सेहो कहल जाइत छैक और इ साल मे दु बेरा आबैत अछि।
16 दिसंबर 2022 के खरमास प्रारंभ होयत आ एक मास उपरांत 14 जनवरी 2023 के समाप्त
खरमास मे लोग नै करैत छथि इ काज
लौकिक मान्यता छै जे खरमास मे बियाह आदि शुभ काज वर्जित अछि। भवन-निर्माण संबंधित काज सेहो नै कैल जाइत ऐछ। कुनो नया निवेश या व्यवसाय आदि सेहो नै शुरू कैल जाइत ऐछ। अहि अवधि मे बच्चाक मुंड़न संस्कार सेहो नै होइत छैक। संगेह लोग नवका घर के घरवास (गृह-प्रवेश) सेहो नै करैत अछि।
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अहि काल मे की करबाक चाही
लौकिक मान्यता छै जे खरमासक दौरान कतेको शुभ काज नै कैल जाइत ऐछ, जेना बियाह, मुंड़न, संस्कार आदि एहन काज नै होइत अछि। लोग सब अहि काल मे ईश्वर-भजन, पूजा-पाठ आदि क सकैत छैथ। मान्यता छै जे अहि अवधि मे अनुष्ठान, यज्ञ, पूजा-पाठ, हवन आदि केनाय नीक मानल जाइत अछि। सामूहिक रूप सँ रामायण कथा और भगवत कथा सेहो सुनबाक चाही।
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मान्यता की कहैत छैक
भागवत पुराण के आनुसार जाहि व्यक्ति के मृत्यु खरमास अर्थात पौष मास मे होइत छैक त ओ नरक के भागी बनैत छैक। अहि बातक पुष्टि माहाभारत सँ होइत ऐछ जखन अर्जुन भीष्म पितामह के धर्म युद्ध मे बाण सँ मारने छलैथ तहन ओहि समय सेहो खरमासे छल। ताहिलेल सैकड़ों बान सँ घायल होबाक बावजूदो भीष्म पितामह प्राण नै त्यागने छलनी। खरमास मे प्राण त्यागता त हुनका आगिल जन्म नर्क मे होयतनी।
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