गुरुवार, 28 अक्तूबर 2021

कुमकुम मिश्रा, मैथिली गायिका : एकटा परिचय

गायिका कुमकुम मिश्रा ( Singer Kumkum Mishra ) के जन्म दरभंगा जिला स्थित भवानीपुर ग्राम मे भेल छनि। पिता कमलकिशोर मिश्रा, रिटायर्ड पेशकार धनबाद, बोकारो आ वर्तमान समय दरभंगा जिलाक अन्तर्गत बिरौल अनुमंडल न्यायालय मे वकालत कय रहल छथि। हिनकर नाना नेपाल स्थित झापा जिलान्तर्गत पंचगछिया मे आयुर्वेद औषधिक एकटा प्रसिद्ध चिकित्सक छलाह। प्रारम्भिक शिक्षा धनवाद सँ आ फेर BA प्रतिष्ठा एसएसएलएनटी कालेज धनबाद सँ प्राप्त केलनि।


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हिनकर माँ कुशल गीतगायिन छथि। तेँ कतेको बेर हुनका संग-संग गीत गबैत रहैत छलथि। हुनका संगे कतेको बेर मिथिला - मैथिलीक मंच पर सेहो गीत गबैत छलथि। सामा-चकेवा आदि कार्यक्रम सब मे मंच पर गेबाक अवसर पहिनहुँ भेटल छलनी। मुदा मूल रूप सँ गायिकी के शुरुआत विवाह उपरान्त  हिनकर पहिल कैसेट भगवती गीतक - “हे मैया सुनियौ पुकार” सं भेलनि जे मिथिलांचल मे बहुत लोकप्रिय भेल। 

कुमकुम मिश्रा लगभग एखन धरि विभिन्न कैसेट आ चैनल केर माध्यम सँ ह 500 सं 600 गीत गाबि चुकल छथि। जाहि मे लगभग 200 गीतक गायन ‘कुमकुम मिश्रा यूट्यूब चैनल’ आ लगभग 400 गीत अन्यान्य चैनल सँ रेकर्डिंग करौने छथि।


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कुमकुम मिश्रा विशेष क पारम्परिक गीत बेसी गाबय छथि, शुरुआत मे नवीन मिश्रा आ अशोक चंचल जीक रचित गीत गेने रहथि। संगे महाकवि विद्यापति, मधुकर बाबा, बलभद्र झा ‘प्रेमी’, साजन खाँ, अजित आजाद, डा. चन्द्रमणि, रामसेवक ठाकुर संग बहुतो गीतकार लोकनिक गीत गेने छथि। 

कुमकुम मिश्रा के पहचान भेटलनि 'भोरे-भोरे भांग पीबिकय' गीत सं, संगहि सोहर ‘एकटा धनी हो अंगिया के पातर’, विवाह गीत ‘मंगलमय दिन आजु हे’ जे ‘अनमोल दूल्हा’ सँ अछि, ‘राम लगिहें पहुनमा’ संगहि पराती ‘जागहु राम कृष्ण दोउ मूरत’ संग बहुत रास नचारी संग अन्य चीज सब खूब लोकप्रिय भेलनि। कुमकुम मिश्रा द्वरा गाओल नचारी ‘बाबा लेने चलियौ हमरो अपन नगरी’ मिथिलांचल मे बड़ प्रसिद्ध गीत अछि। 

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