शनिवार, 25 दिसंबर 2021

पद्मश्री गंगा देवी मिथिला चित्रकार और हुनकर जीवनी

Padma Shri Ganga Devi - गंगा देवी के जन्म मधुबनी जिलाक रसीदपुर गांव में 1928 मे एकटा कायस्थ परिवार मे भेल छलनी। गंगा देवी बचपने सं मिथिला पेंटिंग बनेबाक अभ्यास करैत छलथि। हुनकर वैवाहिक जीवन सफल नै रहलनि, बच्चा नै भेलाक कारण हुनकर पति हुनका छोइड़ के दोसर विवाह क लेलकैन। समयक ओहनो परिस्थिति मे गंगा देवी मिथिला पेंटिंग लेल काज करैत रहली आ मिथिला के पारंपरिक पेंटिंग हस्तशिल्प सं आगू अपन अलग एकटा शैली बनेलनी जे कच्छनी शैली (रेखाचित्र) कहल जाइत अछि। 

एक दिन फ़्रांसिसी कला संग्राहक हुनका घर एलनी आ गंगा देवी के कागज द के ओहिपर अपना लेल किछ चित्र बनेबाक लेल कहलकैन। गंगा देवी के चित्रकारी देख क ओ अतेक प्रसन्न भेलैथ जे ओ गंगा देवी के इनामक तौर पर बहुते बड़का राशि द देलकैन। अहि प्रकार धीरे-धीरे हुनकर कला चित्रकारी के क्षेत्र मे उभरय लागल आ हुनकर चित्रक मांग बढैत गेलनि। हुनका दिल्ली शिल्प संग्रहालय एहन जगह पर आमंत्रित भेटनाय शुरू भेलनि।


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ताहि उपरांत ओ दुनिया भर मे कला के रूप क लोकप्रिय बनेबाक प्रयास मे विभिन्न देशक यात्रा केलथि। गंगा देवी संयुक्त राज्य अमेरिका मे आयोजित एकटा कार्यक्रम, ‘भारत के त्योहार’ मे सेहो भाग लेलथि। अहि आयोजन मे ओ अपन चित्र के प्रदर्शित केलथि आ कतेको अंतरराष्ट्रीय कलाकार द्वारा सराहल गेलथि। 


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मिथिला पेंटिंग मे हुनकर प्रयास के लिए भारत सरकार हुनका National Award for Crafts सं सम्मानित केलकनी। वर्ष 1984 मे गंगा देवी के भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री सं सेहो सम्मानित कैल गेलनि।

गंगा देवी के हिंसक मृत्यु 1991 मे हुनकर सौतेला बेटाक हाथो भेलनि। जे शायद हुनकर नबका अधिग्रहीत संपत्ति के हड़पय चाहैत छल। गंगा देवी जाहि परिस्थिति मे चित्रकारी के इ सफर शुरू केने छलथि, ओहिसँ स्पष्ट होइत अछि जे अहि यात्रा मे ओ बहुते किछ अर्जित केने छलथि।

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