उगना....उगना....रौ उगना....
उगना उगना रैटते रैटते
बनक बीच हम व्याकुल छी
उगना उगना रैटते रैटते
बनक बीच हम व्याकुल छी
रै उगना तू कतऽ गेलइ
आय हम घोर पियासल छी
उगना उगना रैटते रैटते
नै चाही गंगा जमना जल
नै कोसी के जल चाही
रौ...नै चाही गंगा जमना जल
नै कोसी के जल चाही
आन पिया डबरा केर पानी
तोरे हाथक जल चाही
रौ निर्दरदा कतऽ गेलै तू - 2
आय हम घोर उपासल छी
रै उगना तू कतऽ गेलें
आय हम घोर पियासल छी
उगना उगना रैटते रैटते
आक धतूर तोरा हम देबौ
भांग मांइग के ऐन देबौ
हां...आक धतूर तोरा हम देबौ
भांग मांइग के ऐन देबौ
किया रुसल छें रौ बैरहवा
तोरा लेल हम जान देबौ
अपना छें स्वयं बतहबा - 2
तोरा लेल हम पागल छी
रै उगना तू कतऽ गेलें
आय हम घोर पियासल छी
उगना उगना रैटते रैटते
फाटल अम्बर बनल दिग्म्बर
देह में एकटा कोपिन छौ
रौ...फाटल अम्बर बनल दिग्म्बर
देह में एकटा कोपिन छौ
अपना छें जोगिया बहुरहबा
संग में नाचैत जोगिन छौ
बितल समय हम सोची रहल छी - 2
हम तऽ बरा अभागल छी
रै उगना तू कतऽ गेलें
आय हम घोर पियासल छी
उगना उगना रैटते रैटते
आशुतोष शंकर सम्भू छें
तू छें ज्ञानी-विज्ञानी
हां...आशुतोष शंकर सम्भू छें
तू छें ज्ञानी-विज्ञानी
अपना लेल होय घर भिकमंग्गा
अनका लेल छें बर दानी
ज्ञान सं छौ आँइख मुनल हमर जे - 2
राइत राइत हम कांनय छी
रै उगना तू कतऽ गेलें
आय हम घोर पियासल छी
उगना उगना रैटते रैटते
बनक बीच हम व्याकुल छी
रै उगना तू कतऽ गेलइ
आय हम घोर पियासल छी
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