अम्बे दूर्गा चंडिका, फेरू नज़र एही बेर,
अनधन लक्ष्मी दिय घर में, बिन्ती करी काल जोड़
रहब रूसल कतेक दिन भवानी जगत कल्याणी
जीवन कोना बिततै माँ कने तकियो ने
रहब रूसल कतेक दिन भवानी जगत कल्याणी
जीवन कोना बिततै माँ कने तकियो ने
हम जीवन अकारथ बितेलौं
ध्यान कखनो अहाँ पर नै देलौं -2
बितल मांगने...हो बितल मांगने
हमर ज़िन्दगाणी ई दुःख के कहानी
आन के सुनतै माँ कने तकियो ने
हम दोशी अधर्मि अज्ञानी
एक आशा अहि पर भवानि -2
कहू ककरा लग....हो कहू ककरा लग
जा कऽ हम कानी सुनू माँ इन्द्रणी
इ नोर के पोछतै माँ कने तकियो ने
हम पुत्रा अंहि के छी माता
सबसं बैढ़ के छै जननी ई नाता -2
दीलिप दरभंगिया....दीलिप दरभंगिया,
भक्त के नादानी करू माफ यै भवानी
दुलार के करते माँ कने तकियो ने
रहब रूसल कतेक दिन भवानी जगत कल्याणी
जीवन कोना बिततै माँ कने तकियो ने
रहब रूसल कतेक दिन भवानी जगत कल्याणी
जीवन कोना बिततै माँ कने तकियो ने
Bad nik aichh
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