गुरुवार, 4 मई 2017

अहाँ केर चरण तेजि ककरा मनाबी - लिरिक्स Ahan Ker Charan Teji Kakra Manabi Lyrics

Ahan Ker Charan Teji Kakra Manabi Lyrics

अहाँ केर चरण तेजि ककरा मनाबी,
अहाँ जँ ने सुनबह तँ ककरा सुनाबी।

कहइये कतेक लोक ढोंगी फरेबी,
कहइये कियो अंध विश्वाश सेवी। 
कियो इहो कहि दैत अछि मैया वादी,
अहाँ जँ ने सुनबह तँ ककरा सुनाबी।

चराचर जते सब अहीँ सँ पलैये,
अहिँक शक्ति सँ अम्ब जगती चलैये, 
सुरभि माँ अहीँ सँ सदति काल पाबी,
अहाँ जँ ने सुनबह तँ ककरा सुनाबी।

कत' अछि भवन अम्ब केहिठाँ बसेरा,
कियो ने जनैये अहाँक सृष्टि फेरा, 
चलइ छी जतय सँ ओतहि फेर आबी। 
अहाँ जँ ने सुनबह तँ ककरा सुनाबी।

अनेरे अपन नाम राखल 'प्रदीपे' 
सदति खन रहड़ छी अन्हारक समीपे 
अहिंक आश-विश्वाश मन मे बसाबी। 
अहाँ केर चरण तेजि ककरा मनाबी।

रचनाकार: मैथिली पुत्र प्रदीप (प्रभुनारायण झा)

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