सोमवार, 8 मई 2017

अंगनामे घुमि-घुमि सीता बेटी कानथि लिरिक्स - समदाउन लोकगीत

अंगनामे घुमि-घुमि सीता बेटी कानथि, 
आजुक दिनमा सुदिन
आरे बाप-पित्ती केर पयर धय हे कानथि, 
तइयो दिन लेल मानि
आरे माय पितिआइनि केर गर धय हे कानथि, 
तइयो देल डोलिया पइसाय
आरे संगी बहिनपा केर गर धय हे कानथि, 
तइयो देल पनिया पिआय


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