2. जेन नगर सँ चलली हे सीता लिरिक्स
के मोरा सीता ले बसिया जोगती, के मुख करत दुलार
ककरा भए बसती हे सीता, ककरा लग हयती ठाढ़
ककरा लग भे सुतती हे सीता, केये कथि मन केर बात
कौशिल्या लग भे बसती हे सीता,जन्मदिन लग गया था
रामचन्द्र सुतति सीता, लछुमन कहथि मन केर बात
कल जोड़ी मिनती कार्थी राजा दशरथ, सुनु केन ऋषिराज
एकहि बेटी हुनि सीता दाई, राखथु कौशल्या केर मन वाह
कौशल्या बसिया जोगती, बह मुख करत दुलार
घर अन्चिन्ह होयतनि , अनचिन्हपुर नर नारी
दिवस सातय कोना का रहता है, जय छठी जन दुलारी
2. कलि जोड़ी विनती करथि लिरिक्स
काली जुड़ी विनती करथि हेमन्त ऋषि, राजा दशहरा के शुभरात्रिदाई ससुर जयति, तनिक छेम्ब अपराध
अवन-पावन केर घोड़बा रे घोड़बा, राम लखन असवर
सीतादायै जयति रामक राज, सुन भेल गृह हमार बहनहि
विद्यापति कहल समदौनियां, सब बेटी ससुर जयति
3. काथी लाय भेलै अघन सखी हे गीत
काथी लाये अघन सखी हे, काथी लाये उपजील सारीबेटी लाये भेलै अघान सखी हे, काथी लाये उपजीला सारि हे
जे ख्यालहुँ बेटी पहिरलहुँ, काथी लाये भेलहुँ वीरान खेद जाइलहुँ
चीर पहिरलहुँ, सिन्दूर लाये भेलहुँ वीरान
सोना चानीअहि बेटी फेरइयो जे दिताहुँ सिनूर फेरल नहि जय
भनहि विद्यापति सुनु हे मनिनी, सब बेटी ससुर जय
4. केओ जे कानय रंग महल के बोल
केओ जे कनय रंग महल मे, केओ कनय दरबारकेओ जे कनय मिथिला नगरिया, केओ ने कहाय रही जाउ
अमां जे कनय रंग महल मे, बाबा कनय दरबार
सखी सब कनय मिथिला नगरिया, केओ ने कहाय रही जाउ
किंकर डेल छीनी अंगुरी मुनरिया, किंकर देल धेनु गाय
किंकरदेल छनि सब रंग सरिया, किंकर हृदय कठोर
अमाँ के देल छनि अंगुरी मुनरिया, बाबक देल धेनु गाय
भैया के देल छनि सब रंग सारिया, भुजो के हृदय कठोर
5. एते दिन अहे सखी - मैथिली लोकगीत
एते दिन आहे सखी संग-संग रहलहुँ, कयल कतेक अपराधकखनहुँ मिलन कखनो हाथ बस तनी, हेरल ने लोचन अध
पुरुब उगल रवि, पहुक विमल छवि, सब जनी खेल पसार
कमलिनी की जानत इहो मधुमती, रसिक भयमर व्यवहार
निर्धन ससुर की आदर करय, भेल ने किछु सत्कार
सुतलि धिया के अहां तेजलहुं, पुरुषक हृदय पर्वत
उठलहुं चललहुं, रहलहुं संग-संग, हिलि मिलि सब नारी
6. बारह बार के बोल
बारह साल के हमरो उमरिया, तेरह बज नेने जायखेलइ छल्हुँ सुपती मुनियाँ, अझटे मे आबि गेल नेर
सुपती मुनियाँ अचर तर झाम्पल, सीताली रूस मुरहाई
अपना महल सौं अमा बहार भेली, सीता रूसली मुरहाई
खेलइ छल्हुँ सुपती मुनियाँ, अझते मे आबि गेल नेर
कोने निरमोहिया अमां दिनमा गुनलकई, कौने निर्मोहिया नेने जया
कौने निर्मोहिया आमं दिन मणि लेलकै, कौने निर्मोहिया नेने जया
पंडित निरमोहिया रामा दिनमा गुनलकई, प्यारे निरमोहिया नेने आयल
बाबा निरमोहिया दिन मणि लेलकै, भसुर निरमोहिया डोलिया फनाय
से स्वामी निरमोहिया नेने जया
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7. काथी लाय भेलै सखी - गीत
काथी लाय भेलै सखी हे मोर गांवमा, काथी लाय भेलै बियाहएक कोस गेली सीता दुइ कोस गेली, तेसरे मे फटल कुहेस गौरी
घर जइयौ भइया घरी जइयौ, अमा के कहब बइआ
अमा के कबनि पाथर भए बसतिह, हमहुँ बसब हिया हारि
पर घर गेलीअई परक पुतोहु भेलीइ, मिनती करैते दिन जायत
भनहि विद्यापति सुनु समदौं, सब बेटी ससुर जय
8. काथी लै ऐल सखी -
काथी लाए अलै सखी अघन महिनमा, काथी लाए भेलै नरव सारी धनमाबेटी ले जे एली अघान माहिनमा, जमाय लेल कुतब नव सारी धनमा
एहि बेरक गौना नहीं मानव यौ बाबा, खाय दीया नवकुटी भात
एक बेला फेरलाऊं बेटी दुई बेर फेरलाऊं, तेसर बेर नटुआ जमाय
खोलि लैह आहे बेटी गाय-महिसिया, अमा साठी पौती पेटार
एते दिन छलौं बाबा अहीं रे हवेलिया, ऐइकरै छी विदाइ
भनहि विद्यापति सुनु हे बेटी, सब धिया ससुर जय
9. के मोरा जन्म देल - मैथिली लोकगीत
के मोरा जन्म देल केये मुहमा उरेहल, केये कायल प्रतिपालबाबा मोरा जन्म देल, दवेरे उहल, मां मोरा कायल प्रतिपाल
के मोरा दुख देल, सब सुख हरि लेल, के मोरा पलंगा ओछाय
सासु मोरा दुख देल, सब सुख हरि लेल, पिया मोरा पलंगा ओहय
के मोरा बोधत, के प्रबोधत, के मोरा कयल विलाप,
अमां मोरा बोधत, बाबा प्रबोधत, स्वामी मोरा कयल विलाप
दस. सुतल छलहुँ बाबा केर हवेलिया - Lyrics
सुतल छलहुँ बाबा केर हवेलिया, अजतेमे आबि गेल कहाउतएक बेर अलै नउआ, दोसर बेर ब्राह्मण, तेसर वर्क भगत भाई
एक कोस गेली सिया, दुई कोस गेली, चलली गेली यमुना किनार
ओहर उठा का जौं टाकलनी सीता, मशी गेल बाबा केर राज
पर घर गलीअइ, पर पुतोहु भेलीइ, मिनती करैते दिन जाइ
11. सोन सन धीया के सुबुधि - Lyrics
सोन धीया के सुबुद्धि सन जामिया, नीक नीक बाटे नेने जाय
ठाढ़ होउ ठाढ़ होउ समधी हे भरुआ, समधिन के कहनि बहोय हमरो धीया ले बसिया जोगबिहथि, पियर लागिहथि सुताय
हमरो धीया के बात जूनि कहिहथि, काँचे नीने नहीं दिहथि जगाय
भोरहि उठनि अंगना भारतनी, थारी-पीढ़ी देतनी पखारी
12. सुतल छलहुँ बाबा के हबबेलिया - Lyrics
सुतल छलहुँ बाबा के हबबेलिया, अज मे आबि गेल कहारलाले लाले छोलिया, सबुजे रंग ओहरिया, लागी गेल बतिसो कहार
मा-बाप मिलि एक मति कयलनी, डोलिया देलनी पड़साय
ले दै निकसल बिजुवन सखिया, जाहि वन मा न बाप
एक कोस गली सीता दुई कोस गेली, तेसरमे मछल ओहार
घुरि जाउ भइया कि घुरि जाउ लोकनियां, अमाम के कहबनि दबय
अमामं के काबनि पथर भए बसति, हमहूं बीसब हिया हरि
भनहि विद्यापति गओल समदौं, सभ बेटी ससुर जाइ
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13. जेन भवन सँ चलली सीता दाई - Lyrics
जन भवन सँ चलली सीता दाई, जननी रोदना पसार
आगा-आगा राम चलु पाछहि सीता दाई, देवलोक फूल कृदि ऐ कंठी सीता हंसि रामचन्द्र, सखी सब रोदना पासर
अमा के कनबे गंगा बही, गेल बाबा के कानबे हिलकोर
सखी सभ कानथि गर धाय सीताक, मित्र बिजोड़ी केने जाइ
घुरि हे सखी सभ घु घर जाइऊ , अमा के कहबनि बबइ
कहबनि अमाके पथर भए बसतिह, हमहुँ बासब हिया हारि
14. बाबा केर अंगनामे ऐलै कहरिया - Lyrics
बाबा केर अंगनामे ऐलै काहरिया, सुनु बाबा मिनती हमार
एक बेर फेरलहुँ बेटी दुइ बेरिया फेरलाहुँ, तेसर बेर फेरलो ने जाय साँथु हे अमा पुती पेट्रिया, युकू बाबा गाय महींस
आमाके कानबे नगर लोक कानय, बाबा के कानबे दरबार
भैया के कानबे भीजल चढ़, भुजी केर दिल कठोरे
हम आहे भौजो, नून तेल हेरायल,के कोठी फोडल तोर
नहि अहां अहे नंदो, नून तेल हेरालौं, नहि फोडल कोठी मोर
भैया दुलारू, बाबा अमां के दुलारू, तैं अहां बैरिन मोर
15. जखन गौरी दाई घर सँ भेली - Lyrics
जखन गौरी दाई घर सँ भेली, सखी दस रोदना पासरककर बदंदी हम हेराईते हरब, संग छठी सहोदर भय
एक कोस गेली बेटी दुइ कोस गेली, तेसर कोस चललो ने जया
डोलिया उरनि जौं तकथी गौरीदाई, सखी गेल बाबा केर राज गुरु
भय गौरी घर जइयौ , आमा के कहबनि बभाय
आमा जे कनती हमरो सुरति कारी, छने छन उठबै चेहाय
16. बड़ रे जतनसाँ सिया धिया पोसलहुँ - Lyrics
बड़ रे जतनसाँ सिया धिया पोसलहुँसेहो रघुवंशी नेने जाइ
आगू-आगू रघुबर, (पाछू-पाछू डोलिया)-2
ताहि पाछू लक्षुमन भय
काठी केर डोलिया, केहन ओहरिया-2
कि लागी गेल बतिसो कहार
चानन केर डोलिया, (सबुज ओहरिया)से- 2
कि लागी गेलई बतिसो कहार...
लऽ दऽ निकसल (विजुबन कहरिया)
जाही वन ने आपन पराए
केओ जे कनय राजमहल
केओ कनय दरबार
केओ जे कनय मिथिला नगरिया
युगलसँ बिजोड़ी केने जया
आम जे कनय राजमहल मे
बाबा कनय दरबार
सखी सब कनय मिथिला नगरिया
युगलसँ बेजोड़ि केने जाय
17. जाहि निकुंज वन हमरो के देलइइ - Lyrics
जाहि निकुंज वन हमरो के देलइ, ताहि वन माओ ने बापसुन भवन केने जाइ छी हे बेटी, अयोध्यामे बाजत बधाई
हरियर गोबर आंगन निपाओल, गजमोती अरिपन देल
अंगनामे बुलि-बुली अमा जाहे कानथि, जेनजी भेला अचेत
नगर सखिया बड़ा रे निरमोहिया, धिया देल डोलिया चढ़ाय
भनहि विद्यापति सुनु सुनयना, सभ पुत्री ससुर जाय
18. डोलिया कहार नेने ठाढ़ डुरिया Lyrics
डोलिया कहार नेने ठाढ डुरिया, विदा करू गौरी के चुमायगर धाए हिलमिली हे कांथी, देहरी बैसल मैना माई अब
ककरा दुलर्ब गे बेटी, काकरा पेट लागी सुताएबुआ गौरी
ताकू गौरी ताकू बेटी हे दुलर, फेर दीआ मुख साय
मया रे कानथी पुनी-पुनि रोबथि , सखी सब कहथि बुनय
निहिरक सुख कोना बिसरब हे अमा, प्रिया मे दिन गमय
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19. जखन सुनयना डोली दिस - Lyrics
जखन सुनयना डोली दिस ताकठी, सीता चली भेली कनैत अधीरभरलो आंगन जतेक नर-नारी, ककरहु हृदय नहि थाइर
चहुंदिस रोबथि सखी रे सहेलिया, अमा के झरनि नयन मोती नीरे
जे बेटी जानकी पोसल, उड़ी भेली देश पराय
भनही विद्यापति सुनु हे सुनाना, इहो ठीक नगर बेबहार
20. सिया हे वरण काल - Lyrics
सिया हे वरण काल, सब हे मुदित भेल,माफी गेल मिथिला धाम
केये जनक बगियामे गौरी के पुजतक
सखी संगे तोड़त के गुलाब
केये धनुरा के सब दिन पुजतक
चलि भेली मैथिली ललाम
सखी लिख हे मुदित भेली, विधि सभ देल कंत
भला सुंदर श्रीराम
21. गौरी के बॅरल सोहाओं - Lyrics
गौरी के आंगन सोहाओन माइ हे, कानथि गौरी माइगौरी के कानबे पटोर नोरे भीजि गेल, परिजन तेजलो ने जाइ
अंगनामे डोलिया लगौलनि शिवशंकर, शुभ घड़ी बीतियो ने जाइ
आइ हे माइ हे पर हे परोसिन, शिवजी के कहू ने बुझाइ
बड़ रे जतन सौं गौरी बेटी पोसलहुँ, एक बेर दिअ ने घुमाय
भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि, सभ धीया सासुर जाइ
सभ मनकामना हुनकहि संगमे, दृढ़ करू अपन गिआन
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