कल जोड़ि विनती करथि हेमन्त ऋषि,
राजा दशरथ के दुआरि
आइ सीता दाइ सासुर जयती,
तनिक छेमब अपराध
अवन-पवन केर घोड़बा रे घोड़बा,
राम लखन असवार
सीतादाइ जयती रामक राज,
सुन भेल गृह हमार
भनहि विद्यापति कहल समदौनियां,
सभ बेटी सासुर जाइ
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