शुक्रवार, 24 नवंबर 2017

राजा दशरथ एक पतिया पठओलनि लिरिक्स - समदाउन लोकगीत

राजा दशरथ एक पतिया पठओलनि, 
राजा जनक नहि मान
राजा जनक जी के एके जे बेटिया, 
किए देखि धैरज बान्ह
जखन बरिअतिया दरबज्जा बिच आओल, 
राजा खसल मुरछाइ
रानी जे कनथिन रंगमहलिया, 
राजा कानथि दरबार
सखि सभ कानथिन जनक नगरिया, 
सखि बिनु रहलो ने जाय

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