गुरुवार, 23 जुलाई 2015

रामहि लछुमन वन कय चललाह बाटहिं लागल पियास हे लिरिक्स | कोहबर लोकगीत

Ramhi Lachhuman Van Kay Chalalaah Lyrics

रामहि लछुमन वन कय चललाह, 
बाटहिं लागल पियास हे
एहि रे नगरियामे केओ नहि अपन, 
लछुमन के लागल पियास हे
घरसँ बहार बेली कनियां सुहबे, 
माथ कलस नेने ठाढ़ हे
पीबू पीबू आहे देओर ईहो शीतल पनियां, 
इहो थिक जमुनाक नीर हे
ककर बेटी ककर कुल जनमल,
किये थीक स्वामीक नाम हे
जनक जीक बेटी जनक कुल जनमल, 
श्रीराम थीक स्वामीक नाम हे

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