बुधवार, 29 जुलाई 2015

चारि चौखंड केर ईहो नब कोबर लिरिक्स | कोहबर लोकगीत

Chari ChaukhChariand Ker Eho Jab Kobar Lyrics

चारि चौखंड केर ईहो नब कोबर, चारू कात लागल केबाड़ हे
भल कोहबर बनी
कोहबर सूतऽ गेला दुलहा से फल्लां दुलहा, कनियां सुहबे गूथल
फुलहार हे, भल कोहबर बनी
हार गूंथइते सुहबे भरि आयल जंघिया, गेली कनियां अलसाइ हे
एही ठाम छै हे प्रभु हार हमर, पहिरि कय दीअ शृंगार हे
भल कोहबर बनी

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