सोमवार, 30 मार्च 2015

भितिया मे चितिया साटल रघुनन्दन लिरिक्स - मैथिली उदासी गीत

भितिया मे चितिया साटल रघुनन्दन, 
ताहि मे जे सिनुर-पिठार
जखन जमाय बाबू कोबर सँ बहार भेला, 
सरहोजि भेलीह उदास
एहनर नन्दोसिया जी के जाइयो नहि दीतहुँ, 
रखितहुँ पान खोआय
जखन जमाय बाबू भानस घर सँ बहार भेला, 
सासुजी भेलीह उदास
एहन जमाय के जाहू ने दीतहुँ, 
रखितौं मिश्री खोआय
जखन जमाय बाबू आंगन संओ बहार भेला, 
सारि भेलीह उदास
एहन बहिनोइया जी केँ जाइयो ने दीतहुँ, 
रखितौं मोन लोभाय

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