गुरुवार, 25 जनवरी 2024

हरहि वन केर खरही कटाओल लिरिक्स - कन्यादान गीत लिरिक्स

Harahi Van Ker Kharahi Kataol Lyrics

हरहि वन केर खरही कटाओल, 
वृंदावन केर बीट बांस हे
ताहि बांस छारब सीता दाई के मड़बा
उपर ढौरायब राजा हंस हे

ताहि चढ़ी बैसला राजा जनक ऋषि
धिया लेलन गोदिया बैसाय हे,

धिया लए कानय बाबा जनक बाबा
कैसे करब कन्यादान हे

धिया परलै सजन घर हो बाबा
आबो बाबा सुतहू निश्चिन्त हे

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