Harahi Van Ker Kharahi Kataol Lyrics
हरहि वन केर खरही कटाओल,
वृंदावन केर बीट बांस हे
ताहि बांस छारब सीता दाई के मड़बा
उपर ढौरायब राजा हंस हे
ताहि चढ़ी बैसला राजा जनक ऋषि
धिया लेलन गोदिया बैसाय हे,
धिया लए कानय बाबा जनक बाबा
कैसे करब कन्यादान हे
धिया परलै सजन घर हो बाबा
आबो बाबा सुतहू निश्चिन्त हे
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