गुरुवार, 24 मार्च 2016

कागा लऽ गेल मुद्रिका, चिल्होरि ग्रीमहार लिरिक्स

कागा लऽ गेल मुद्रिका, चिल्होरि ग्रीमहार
राम, ताहि लेल विषहरि रोदना पसार
सोन ले रे सोनरा, रूपा ले पटबा
राम, गढ़ि दए सोनरा मैया सोने ग्रीमहार
पहिरि लीअ विषहरि भैया, गले ग्रीमहार
राम, कर लागू आहे विषहरि सेवक गोहार
नाव ला रे मलहा भइया आरो करुआरि
राम, विषहरि औती मृतभुवन, हरती कलेश

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