बुधवार, 13 अगस्त 2025

आम जाम महुआ आ नीमक मजर देखि लिरिक्स Aam Jaam Mahuaa Aa Neemak Majar

Aam Jaam Mahuaa Aa Neemak Majar Lyrics

आम, जाम, महुआ आ नीमक मजर देखि 
झड़लो सब पात मुदा तैयो मन मजरल

डारि-डारि लचरल अछि 
ज्ञानी सन, दाता सन 
मजरो से छारल अछि 
घुघरु सन, छाता सन 
बिजुरी चमकहें नहि आन्ही तो उठिहें नहिं 
बने-बने भँवरा, विकल मन बिहरल।

मधु अओर मदिराकेर 
समगम छै' मजरहि मे 
जादू छै टोना छै 
सब छै नजरियहि मे 
बेली-चमेली के झूला झुला कऽ 
दोरस बयार चलय, तन-मन सिहरल।

लाले तँ टुह-टुह 
लालो तँ लाल टेस 
सेमरकेर फूल उपर 
सुगाकेर छैक देश 
सूगाकेर भागकेर रुइया जे उड़ि-उड़ि कऽ 
धूमिल आकाश में किरन बनि पसरल

उजरे तँ धप-धप
कारी तँ भौरे सन
पीयर तँ डोहित,
हरियर कचोरे सन
बनहि बने फूल-पात लतिका लोभाओन
कोइलीकेर सडे-सके हमर मन कुहुकल।

होरीकेर झोरी मे
चैतक जे गर्दा छै
बैसाखक पछबाकेर
मुँहपर से पर्दा छै
पर्दा उठल देखि गोपी सुपक्च कोनो
नेना सन लोभी मन, लरजल ललचल।

रौदहि मे मिलल - जुलल
कने-कने छाया छै'
चिका-चिकी मेघ सेहो
ममता छै माया छै
आषाढ़क पहिल मेघ औताह आबथु 
टुस्सी सँ पात भेल, हमरे मन फलकल।

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