शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025

सिया मुखचंद्र छवि छाई चहुँ ओर हे लिरिक्स - Mukhchandra Chhavi Chhai Chahu Ore He Lyrics

सिया मुखचंद्र छवि छाई चहुँ ओर हे
सिया मुखचंद्र छवि छाई चहुँ ओर हे
प्रेमसिंधु अंगना में,
प्रेमसिंधु अंगना में उठत हिलोर हे,
प्रेमसिंधु अंगना में उठत हिलोर हे,
प्रेमसिंधु अंगना में,

विविध विभूधतीये देखी भेली भोर हे
विविध विभूधतीये देखी भेली भोर हे
मिथिला के वासी सब,
मिथिला के वासी सब आनन्द विभोर हे,
मिथिला के वासी सब आनन्द विभोर हे
मिथिला के वासी सब,

यद्यपि मदन सन अबध किशोर हे
यद्यपि मदन सन अबध किशोर हे
तदपि किशोरी मुख,
तदपि किशोरी मुख निरखि चकोर हे
तदपि किशोरी मुख निरखि चकोर हे
तदपि किशोरी मुख,

कहथि स्नेह लता दुहु कर जोर हे
कहथि स्नेह लता दुहु कर जोर हे
बसु सिया हिया बीच,
बसु सिया हिया बीच हमर निहोर हे
बसु सिया हिया बीच हमर निहोर हे
बसु सिया हिया बीच,
सिया मुखचंद्र छवि छाई चहुँ ओर हे
सिया मुखचंद्र छवि छाई चहुँ ओर हे
प्रेमसिंधु अंगना में,
प्रेमसिंधु अंगना में उठत हिलोर हे,
प्रेमसिंधु अंगना में उठत हिलोर हे,
प्रेमसिंधु अंगना में


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