आजु शोभा जनक मंदिर
चलह देखन जाइ हे
जानकी वर दूल्हा रघुवर
धनुष तोरल आई हे
परल नगर हकार घर घर
गाइनी जाइत चली नारी हे
काहु सखी लेल कलश सिरहर
काहु जल झारी हे
आनी ठक-बक पात भलर
राखल द्वार समीप हे
सांझ डाला पान चानन
लेशी चौमुख दीप हे
चाट मारी उठाए बिधकरि
धएल शुभ घड़ी नाक हे
आजु शुभ घड़ी राज कामिनी
देल कन्या दान हे
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