बुधवार, 16 दिसंबर 2015

अहाँके दरस लागि रकटल मोर अँखिया हे लिरिक्स - Ahanke Daras Lagi Raktal Mor Lyrics

अहाँके दरस लागि रकटल मोर अँखिया हे
मोर मन के बेटी

कत जाय रहली नुकाय हे मोर मन के बेटी
बटिया तकैत मोर छतिया सुखायल हे मोर |
आबि कह एक बेर माय हे।

एहन सरस भूमि नैहरा बनाबू हे मोर। 
एहि लागि मिथिला सिहाय हे।
लतिका सनेह पाबि अहाँ अइसन धिया है। 
रामजी के करब जमाय है।

शतानन्द के स्वप्नमे शंभु देल समुझाय। 
कंचन हल निर्माण कय धरती जोतू जाय।। 
से जानल नृप जनकजी जोतय चलला धाय । 
फारक तरस प्रकट भय सुता देल मुसकाय ।।


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