गुरुवार, 8 दिसंबर 2022

बाबा वर के संभालल धिया भेल पिपरक पात हे लिरिक्स

Baba Var Ke Sambhalal Dhiya Bel Piparak Paat He

बाबा वर के संभालल धिया भेल पिपरक पात हे
जखने कुमारी धिया बैठली मंडप पर 
धिया भेल पिपपरक पात हे 

थर थर कांपे बेटी मुंखहूं ना बोलत 
नयना से झहरत लोर हे 
आहे नयना से झहरय लोर हे

छतिया वि करली मातू सुनैना 
अब बेटी भेलहो बिरान हे-2
 
लतिका स्नेहि मैया छाती फाटि 
हूंकरथी अब बेटी भेलहो बिरान हे-2

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !