बुधवार, 19 सितंबर 2018

धन्य-धन्य आजु केर अति सुभ दिनवाँ लिरिक्स - Dhanya-dhanya aaju kera ati subh dinwa

श्री सीताराम विवाह
लोक धुन - ताल स्थायी दादरा

धन्य-धन्य आजु केरऽ अति सुभ दिनवाँ, हाय रे सखिया।
रहि-रहि जियरा हुलसाय, हाय रे सखिया॥1॥

उमड़ि-घुमड़ि घन साँवर आयो, हाय रे सखिया।
लेहु मन-मोरवा नचाय, हाय रे सखिया॥2॥

सुन्दर पहुनवाँ के छवि लखि आजु, हाय रे सखिया।
अब मोहि कछु न सोहाय, हाय रे सखिया॥3॥

कबन सुकृत कइली मइया सुनैना, हाय रे सखिया।
धिया एसन पवली जमाय, हाय रे सखिया॥4॥

सिया के सोहाग विधि सफल बनावै, हाय रे सखिया।
गावत ‘करील’ उमगाय, हाय रे सखिया॥5॥



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