शनिवार, 6 जनवरी 2024

दिअऽ कने करुणा के कोर, माता शारदे लिरिक्स - सरस्वती वंदना

Diaa Kane Karuna Ke Kor Lyrics

दिअऽ कने करुणा के कोर, माता शारदे।।

शिशिरक अंत वसंत पधारल मदनक सेन बटोर । 
तरुणी तरुवर पतझड़ लेलक पहिरल हरित पटोर ।।

अमुआके डारिपर कुहकय कोइलिया पपिहा मचाबय शोर । 
मुसकैत कलिपर चलि अलि गुंजत झुकि झुकि चूमत ठोर ।। 

दुरस पवन बहइछ सखि रसे रसे मधुरितु भेल विभोर । 
मगन सुमन सब गगन नहारथि रुसल हमर विचचोर ।। 

एहन सुखद दिन वीणक धुनि सुनि प्रकृति हँसत चहु ओर । 
स्नेहलता अविवेक हरण करु एक भरोसा तोर ।।

रचना: स्नेहलता

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