Diaa Kane Karuna Ke Kor Lyrics
दिअऽ कने करुणा के कोर, माता शारदे।।
शिशिरक अंत वसंत पधारल मदनक सेन बटोर ।
तरुणी तरुवर पतझड़ लेलक पहिरल हरित पटोर ।।
अमुआके डारिपर कुहकय कोइलिया पपिहा मचाबय शोर ।
मुसकैत कलिपर चलि अलि गुंजत झुकि झुकि चूमत ठोर ।।
दुरस पवन बहइछ सखि रसे रसे मधुरितु भेल विभोर ।
मगन सुमन सब गगन नहारथि रुसल हमर विचचोर ।।
एहन सुखद दिन वीणक धुनि सुनि प्रकृति हँसत चहु ओर ।
स्नेहलता अविवेक हरण करु एक भरोसा तोर ।।
रचना: स्नेहलता
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