शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

जय हो शंकर दानी, जय हो शंकर दानी लिरिक्स - Jai Ho Shankar Daani Lyrics

जय हो शंकर दानी, जय हो शंकर दानी। 

एक अधम पर पलक उघारू, अपन टहलुआ पानी ।। 
हे दानी, एक अहीं दुःखभंजन
दे दानी, आब सहल बड़ गंजन

भवसागर के बीच भँवर मे, डगमग नाव पुरानी ।।
हे दानी, तीन भुवन यश गाबय
हे दानी, चारि पदारथ पाबय

जे बेलपात-धथूर चढ़ाबय, आँक गंगाजल आनी ।।
हे दानी, देखल जग के खेला
दे दानी, सब स्वारथ के मेला

हाय हायमे जीवन बीतल, कहब की, अपन कहानी ।।
हे दानी, आयल द्वार भिखारी 
हे दानी, बुधि-बलहीन अनारी 
स्नेहलता केर सबटा जानथि गौरी रानी ।।

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