शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025

जीर सन छथि धनि पातरि, फूल सन सुन्दरि रे लिरिक्स - मैथिली सोहर गीत

जीर सन छथि धनि पातरि, 
फूल सन सुन्दरि रे
ललना रे, तेसर छथि बाबाकेँ दुलारू, 
दर्द कोना अंगेजत रे

कथी लेल बाबा बिआहलनि, 
देलनि ससुर घर रे
ललना रे, रहितहुँ बारी कुमारि, 
दर्द नहीं जनितौं रे

एक पयर देलनि एहरि पर, 
दोसर देहरी पर रे
ललना रे, तेसरमे होरिला जनम लेल, 
सब मन हर्षित रे

निक लय बाबा बिआहलनि, 
देलनि ससुर घर रे
ललना रे, रहितहुँ बारी कुमारि, 
होरिला कहाँ पबितहुँ रे

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