किछिओ ने लेल विचारी, हिमाचल
नारद बाभन से कैलनि इयारी,
वर खोजि अनलनि भिखारी हिमाचल
ओहि भंगिया के बाड़ी ने झाड़ी,
पर्वत के ऊपर घराड़ी हिमाचल
भांग-धथुर के करथिन पुछारी,
बसहा बड़द असवारी हिमाचल
ककरास बजथिन गौरी बेचारी,
नहि शिव के बाप-महतारी हिमाचल
कपिलदेव गाओल नचारी,
मोर धिया रहती कुमारी हिमाचल ।
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