शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019

जोगिया दुलह आजु कोहवर जाय लिरिक्स - Jogiya Dulha Aaju Kohbar Jaay Lyrics

गीत गौरीश

जोगिया दुलह आजु कोहवर जाय,
छवि कहलो न जाय॥धु्रव॥

सारी सरहज द्वार छेकलन्हि आय।
नेग दीजै दुलहा बाबू दीन्हि जो माय, छवि.॥1॥

एक सखी तब कही मुसुकाय।
सुनहु सजनि इनका बाप न माय, छवि.॥2॥

सुनहू सदाशिव, कहऊँ उपाय।
कोहवर जैहो लागू गौरी के पाय, छवि.॥3॥

करहि विनोद सब सखी समुदाय।
सहज निलज लाज लजाय, छवि.॥4॥

एही बीच नाग एक उठल फुफुआय।
सखी सब भागी संकर गेलन अगुआय, छवि.॥5॥

ऐसन दुलह नहिं देखल माय।
उमगि ‘करील’ एही कोहबर गाय, छवि.॥6॥

लोक धुन। ताल कहरवा

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