कोना हम बिसरव बेटी के सुरतिया
कहुना न बिसरल जाय।
असरा लगाय हम दुलरी के पासली
छतिया के दूधवा पियाय
जनि कानू अनि खीजू धीर धरू जननी
मैया कर ममता बलाय
लतिका सनेह गावे सहो समदौनि
बेटी के शुभ दिन सहाय
© Copyright 2014 - 2022 Mithila Dharohar | मिथिला धरोहर All Right Reserved (सबटा अधिकार सुरक्षित अछि।)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !