शुक्रवार, 19 मार्च 2021

जबसे कुमारी के परलेन सगुनमा से - समदाउन गीत

जबसे कुमारी के परलेन सगुनमा से 
सुधि बुधि सब विसराय गे माई। 

दिन नाही चैन पड़े रातियो न निंद आवे, 
घर रे आंगन न सोहाय गे माई । 

भोज भात बन्द करू बन्द करू बजबा से, 
गाजा बाजा लागत बलाय गे माई। 

लतिका सनेह अब चुप रहू बबनी से, 
जीवन के साथी मुसुकाय के माई।

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