गुरुवार, 2 जनवरी 2020

कोना परिछब गे दाइ वर के तरफ हमरा तकलो ने जाइ लिरिक्स - Kona Parichhab Ge Dai Lyrics

कोना परिछब गे दाइ। 
वर के तरफ हमरा तकलो ने जाइ ।। 

बिच्छू के घौड़छा मउरिया सजाय । 
बिढ़नी के घोड़छा लवडी बनाय ।। 

अयला पहिरि मुण्डमाला जमाय । 
गर्दनिमे साप रहि रहि फुफुआय ।।

ओढ़ना बघम्बर विभूति रमाय । 
एँडीमे देखियनि फाटल बेमाय ।। 

संगमे भूत-प्रेत अनलनि बजाय । 
फरके परान सुखय लगमे के जाय।। 

नरद कतः आइ रहला नुकाय । 
बभना के मारितौं चानी तकाय ।। 

इहो थिका महादेव त्रिभुवन राय ।
चलू कपिलदेव झट परिछू जमाय ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !