Maithili Matkor Geet Lyrics
मिथिला नगरीया मे घर घर शोर
चलु सखि देखन सिया के मटकोर
वाजा गाजा संग लाये कतेक हजार
कतेक हकारीन आये पाये क्यो न पार
वजवा के शब्द करैय घनघोर ।।
तिनहु लोक चौदहो भुवन में
आनन्द छायल घर आंगन में
रोशनी से राति आई लागईय इजोर ।।
पुष्प विमान चढ़ी देव गन आये
मातु सुनैना के भाग मनाये
स्नेह विवस भेल मिथिला के ओर ।।
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