बिलोकु (छवि दर्शन) गीत
श्री किशारो जी के अंगना विलोक बहिना।
छवि शशि मुख राम, छवि निधि जानकी, रचल विधना,
कनी ओम्हरो निहारू तीनू जोड़ी तेहिना ।। श्री किशोरी ।।
माण्डवी चकोर संग भरत चकोरबा, विराजे दहिना,
श्रुति कीरत संग शत्रुघ्न शोभे ओहिना ।। श्री किशोरी ।।
बबुआ लखन संग शोभे उरमिला दाई, उपमा बिना
सखि बुझ जेना अंगूठी में शोभे नगीना ।। श्री किशोरी ।।
कहत सनेहलता मिथिले में राखू, तिन सौ साठियो दिना,
येहे पंचमी के तिथि अगहन के महीना ।। श्री किशोरी ।।
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