मिथिला रामायण के रचयिता आ मैथिली साहित्य के प्रख्यात कवि कविवर चंदा झा केर जन्म 1831 ई० मे हिनक नानी गाम सहरसा जिलाक बडगांव मे भेल छलन्हि। कविश्वर लगभग 17-18 वर्षो धरि अपन नानी गांव बडगांव मे रहिके अपन विद्वान नाना पंडित गिरिवर नारायण झा के सानिध्य मे रहिके शिक्षा ग्रहण केने छलाह। कविश्वर चंदा झा के मूल नाम चन्द्रनाथ झा छलनी।
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हिनकर पैतृक ग्राम दरभंगा जिला पिंडारुच गांव ( Pindaruch Darbhanga ) मे छलनी। ओतय स्थानीय जमींदार सं कुनो परेशानी के चलैत अपन गाँव छोइड़ के मधुबनी जिलाक अपन सासुरा थड़ी गाँव जा बसलाह। कविश्वर दरभंगा मे महाराज लक्ष्मीश्वर सिंहक दरबार मे साहित्य विभागक अध्यक्ष सेहो छलाह।
आर्थिक रूप सं विपन्नताक उपरांतो चन्दा झा मैथिली के संरक्षण आ संवर्द्धन के लेल बहुते रास ग्रंथ के रचना करबाक काज केलाह। हिनकर प्रकाशित 19 पुस्तक मे मैथिली भाषा रामायण, (Mithila Bhasha Ramayan ) अहिल्या चरित्र, रस कौमुदी, विद्यापति पद संकलन, गीत सप्तशती, छन्दोग्रंथ, राजावली, चन्द्रपदावली, महेशवाणी, लक्ष्मीश्वर निवास आ गीत सुधा प्रमुख रूप सं शामिल अछि। चंदा झा 1901 मे प्रकाशित साहेब रामदास गीतावली के संपादन सेहो केलैथ। कविवर द्वारा रचित कृति पुरूष परीक्षा, अहिल्या चरित्र आदि के रचना सँ मैथिली साहित्य के एकटा नव आयाम देबाक महत्वपूर्ण कार्य हिनकहि द्वारा कैल गेलनि।
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कविवर चंदा झा के संकलन कार्य, संशोधन कार्य आ उत्साह वर्द्धन आयो कतेको अर्थ मे प्रासंगिक बनल रहल अछि। आधुनिक युग प्रवर्तक कविश्वर चन्दा झा मैथिली आ हिन्दी के प्रकांड विद्वान छलाह।
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