बुधवार, 3 अप्रैल 2019

बियाह काल के गीत - मैथिली विवाह गीत लिरिक्स - Maithil Vivah Geet Lyrics In Maithili

कमलक फूल सन हमर धीया छथि - Maithili Lokgeet

कमलक फूल सन हमर धीया छथि
जोहि लेली धीया के खबास यो
चलहु के बेर अहाँ घर नहि देखलौं
धीया आगू दीया केर नहि काज यो
आनि दीअ जहर माहुर खाय हम मरबई
हति लेब अपन प्राण यौ

आगे माइ छल मनोरथ - Maithili Lokgeet

आगे माइ छल मनोरथ होयत प्रथम बर, पण्डित करब जमाय
आगे माइ हमर मनोरथ दैवो ने बुझलनि, जोहि लेला तपसी भिखारि
आगे माइ बेकल मनाइनि घर-घर फीरथि, आब किए करब उपाय
आगे माइ नहि ओहि बर के माय ने बाप छनि, ने छनि कुल परिवार
आगे माइ हमरो गौरी कोना सासुर बसती, के कहत निज बात
आगे माइ भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि, इहो थिका त्रिभुवन नाथ
आगे माइ गौरी दाइ के यैह बर लीखल छल, लीखल मेटल नहि जाय

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