जोहि लेली धीया के खबास यो
चलहु के बेर अहाँ घर नहि देखलौं
धीया आगू दीया केर नहि काज यो
आनि दीअ जहर माहुर खाय हम मरबई
हति लेब अपन प्राण यौ
आगे माइ छल मनोरथ होयत प्रथम बर -Lyrics
आगे माइ छल मनोरथ होयत प्रथम बर,
पण्डित करब जमाय
आगे माइ हमर मनोरथ दैवो ने बुझलनि,
आगे माइ हमर मनोरथ दैवो ने बुझलनि,
जोहि लेला तपसी भिखारि
आगे माइ बेकल मनाइनि घर-घर फीरथि,
आगे माइ बेकल मनाइनि घर-घर फीरथि,
आब किए करब उपाय
आगे माइ नहि ओहि बर के माय ने बाप छनि,
आगे माइ नहि ओहि बर के माय ने बाप छनि,
ने छनि कुल परिवार
आगे माइ हमरो गौरी कोना सासुर बसती,
आगे माइ हमरो गौरी कोना सासुर बसती,
के कहत निज बात
आगे माइ भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि,
आगे माइ भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि,
इहो थिका त्रिभुवन नाथ
आगे माइ गौरी दाइ के यैह बर लीखल छल,
आगे माइ गौरी दाइ के यैह बर लीखल छल,
लीखल मेटल नहि जाय
बाप हेमन्त रिषि सभा पैसि जोहलनि लिरिक्स
बाप हेमन्त रिषि सभा पैसि जोहलनि
जातियो ने लएला विचारि गे माइ
केये गेला सभा केये कएल दया
केये बर लएला जमाइ गे माइ
बाबा गेला सभा, भइया कएल दया
बाबा बर लएला जमाइ गे माइ
अगह घूमल मगह घूमल घूमल मगह मुंगेर गे माइ
धीया जुगुति बर कतहु ने भेटल
भेटल तपसी भिखारि गे माइ
बेटी जुगुति बर कतहु ने भेटल
भेटल जोगिया भंगेरी गे माइ
तोरा लए आहो बाबा तपसी भिखरिया
मोरा लेल बाबा बैद्यनाथ गे माइ
भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि
लिखल मेटल नहि जाइ गे माइ
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