सीता देवी ( Padma Shri Sita Devi ) के जन्म 1914 मे सुपौल जिलाक वसहा गाँव मे एकटा सभ्रान्त गृहस्थ परिवार मे भेलनि। हुनकर पिता के नाम चुमन झा आ माता के नाम सोन देवी छलनी। सीता देवी गामे मे प्राईमरी स्कूल के शिक्षा प्राप्त केलथि आ अपन माँ तथा नानी सं भित्ति चित्र बनेनाय सिखलथि।
तत्कालीन समाज मे व्यापत प्रथा के मुताबिक 12 वर्ष के उम्र मे हुनकर बियाह मधुबनी जिला के जितवारपुर गाँव के एकटा गरीब ब्राह्मण परिवार मे शोभाकान्त झा के संग भ गेलनि। हुनकर सासुरक परिवार बहुते गरीब छलनी। भोजन तक के संकट छलनी। आर्थिक विपन्नता एहन रहलनि जे अंत मे जितवारपुर छोइर के सहरसा स्थित बड़का भाईक एतय अपन संतान ल के चली गेलथी। ओतय बड़का बेटा रामदेव स्कूली शिक्षा पूरा केलकैन। दोसर पुत्र सूर्यदेव के आठवीं धरिक ओतय पढ़ाई करेलखिन। तेसर पुत्र महादेव के जन्म एतय भेलनि। फेर अपन तीनों बेटाक संगे जितवारपुर आबि गेलथी।
Sita Devi photographed by Edouard Boubat, 1970, for the book The Art of Mithila by Yves Véquaud (छवि साभार : www.sita-devi.blogspot.in) |
सन् 1962 मे मिथिला मे भीषण अकाल पड़ल छल। ओहि अकाल सं निपटबाक लेल भारत सरकार के हैण्डीक्राफ्ट बोर्ड डिजाइनर भास्कर कुलकर्णी के अहि क्षेत्र के ग्राम्य जीवन मे विद्यमान भित्ति-चित्र के व्यवसायिक आयाम देबाक लेल मधुबनी भेजल गेलनि। ओहि समय धरि ब्राह्मण एवं कायस्थ जाति के महिला मे सेहो भित्ति-चित्रों के बनेबाक प्रचलन छल।
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भास्कर कुलकर्णी के किनको सं जानकारी भेटलैंन जे जितवारपुर के महापात्र परिवार के सीता देवी भित्ति-चित्रण मे दक्ष छथि आ गरीबी मे अपन जीवन-यापन क रहल छथि। कुलकर्णी के बहुते बुझेला पर तैयार भ गेलथि। माँ-नानी सं मधुबनी चित्रकला के दान भेटल छलनी। सीता देवी के संग-संग जितवारपुर के जगदम्बा देवी एवं किछ अन्य महिला सेहो अहि कार्य मे आगू एलथि। अहि तरहे मिथिला पेंटिंग, जे पूर्व मे भित्ति-चित्र छल, ओकर व्यवसायिक रूपांतरण कागज पर प्रारम्भ भेल। कुलकर्णी के अनुरोध पर सीता देवी 30X22 के कागज पर किछ चित्र बनेलथि। सीता देवी समेत अन्य कलाकार द्वारा बनाओल गेल चित्र के नई दिल्ली के 10 जनपथ पर प्रदर्शित कैल गेल।
सीता देवी 8 सितंबर, 1969 के नई दिल्ली में प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के मिथिला पेंटिंग प्रस्तुत करैत (छवि साभार: द टाइम्स ऑफ इंडिया) |
हुनकर द्वारा बनाओल गेल चित्र के माँग दिनों-दिन बढैत गेलनि। दिल्ली सं आमंत्रण एलनी। चाणक्य आर्ट गैलरी मे सीता देवी अपन चित्रावलि प्रदर्शित केलथि। प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के हुनका बारे मे सूचना भेटलनि। हुनका भेंट करबाक लेल बजेलथी। इंदिरा गांधी अनुरोध केलथि - हमरा सोंझा चित्र बनाबु। एकटा दियासलाईक काठी के ब्रश सं दुर्गा माता के भव्य चित्र उकेर देलथि। एतय सं हुनकर ख्याति आ अवदान के चमत्कार रंग भरय लगलनि। भारतक सर्वोपरि धनी महिला गिरा साराभाई अपन नबक़ा मकानक दीवार पर माटीक रंगों सं चित्र उकेरबाक लेल हुनका अहमदाबाद बजेलथि। फेर दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित अकबर होटल के मधुबन काफी शाॅप के दीवार पर चित्र बनेलथि, जे बहुते लोकप्रिय भेल। 1972 मे दिल्ली के प्रगति मैदान मे आयोजित ग्राम झांकी मे हुनकर द्वारा बनायल गेल भित्ति-चित्र के काफी सराहना भेटलनि। नई दिल्ली स्थित इंदिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के मुख्य द्वार के अंदर के दीवार पर हुनके द्वारा बनायल पेंटिंग सेहो सुर्खि रहलनि। हुनकर चित्र के ख्याति देश सं ल के विदेश धरि पसरय लगलनि। मिथिला पेंटिंग मे हुनकर उल्लेखनीय योगदान के लेल बिहार सरकार 1969, 1971 आ 1974 मे हुनका श्रेष्ठ शिल्पी, दक्ष शिल्पी आ राज्य पुरस्कार सं सम्मानित केलकनी। 1975 मे भारत सरकार के दिस सं राष्ट्रीय पुरस्कार भेटलनि।
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अर्द्ध-नारीश्वर, सीता-हरण, सीता-स्वयंवर, महाकाली, तथा कृष्ण-कथा एहन हिनकर चित्र ओहि समय एतेक लोकप्रिय भेलनि जे हुनका सन् 1976 मे अमेरिका, जर्मनी आ जापान सं आमंत्रण भेटलनि। वाशिंगटन, न्यूयाॅर्क आ बर्लिन सहित विश्व के 10 देश मे हिनकर चित्र के प्रदर्शनी भेलनि आ ओतय हिनकर कला कुशलता के खूब प्रशंसा भेलनि। वाराणसी मे प्रथम श्रेणी के रेलक डब्बा मे लकड़ी के खाली पैनल पर चित्रण सेहो केलथि।
वर्ष 1981 मे भारत सरकार हिनका 'पद्मश्री' सम्मान सं सम्मानित केलकनी। जर्मनी के एरिका स्मिथ, फ्रांस के इव्स विको, अमेरिका के रेमण्ड ओएन्स एवं डेविड फेमस आ जापान के टोकियो हासेगावा समेत कतेको ख्याति प्राप्त कला समीक्षक हिनकर चित्र पर शोध केलनि आ वृत चित्र सेहो बनेलनी।
पद्मश्री सीता देवी के पेंटिंग |
लगभग पाँच दशक धरि मिथिला पेंटिंग मे सक्रिय रहबाक उपरांत सीता देवी के 12 दिसम्बर, 2005 के 91 वर्ष के उम्र मे निधन भ गेलनि। हुनकर बनाओल गेल चित्र लंदन के विक्टोरिया आ अलबर्ट म्यूजियम, लाॅस एंजिल्स केके काउन्टी म्यूजियम ऑफ़ आर्ट, द फिलाडेल्फिया म्यूजियम ऑफ़ आर्ट, पेरिस के मसी द क्यू ब्रान्ली और जापान के मिथिला म्यूजियम सहित भारत के कतेको संग्रहालय मे सुशोभित अछि।
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