बड़ रे जतन से, हम सिया धिया पोसलौं,
सिया धियाँ पोसलौं,
सेहो धिया राम लेने जाय,
आगू आगू रामचंद्र, पाछू पाछू डोलियाँ,
पाछुं पाछू डोलिया,
तई पाछू लछुमन रे भाई,
एक कोस गेलौं रामा दुई कोस गेलौं,
दुई कोस गेलौं,
तेसर कोस लगलई पियास,
हाथ जोडूं पैयाँ पडूँ, अगिला शहरियाँ से,
बाबा दियौ पनियाँ पियाय,
कौन रंग डोलिया कौन रंग ओहरियाँ,
कौन रंग ओहरिया,
कौन रंग बत्तीसो कहार,
लाली रंग डोलिया सबुद रंग ओहरिया,
सबुद रंग ओहरिया,
लागी गेलै बत्तीसो कहार,
लागी गेले बत्तीसो कहार,
Abhi ye geet mai yad kar rahi thi to search ki to ye mila, हमारे यहां तहि पाछु लक्ष्मण भाई के बजाय तही पाछू बतीसो कहार बोलते है
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