सोमवार, 11 सितंबर 2023

गौरी दाय बर नीक आहाँ के भाग्य लिरिक्स - Garu Daau Bar Neek Aahan Ke Bhagy Lyrics

गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य
तीन लोक के मालिक छैन जे
तीन लोक के मालिक छैथ जे
से छैथ आहाँ के शुहाग
गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य - 2
तीन लोक के मालिक छैथ जे - 2
से छैथ आहाँ के शुहाग
गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य 

भूत प्रेत सब टहल करैत हैत
बसहा कुईद-कुईद नाच, गे दाई
भूत प्रेत सब टहल करैत हैत
बसहा कुईद-कुईद नाच
भानस भात के चिंता नै हैत
भानस भात के चिंता नै हैत
बाबा पियै छैथ भांग
गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य -2
तीन लोक के मालिक छैथ जे - 2
से छैथ आहाँ के शुहाग
गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य

जटा सं जिनका गंगा बहै छैन
माथ पर चमकै चान, गे दाई
जटा सं जिनका गंगा बहै छैन
माथ पर चमकै चान,
यैह त्रिपुरारी त्रिनेत्री छैथ - 2
गला में विषधर नाग
गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य - 2
तीन लोक के मालिक छैन जे
तीन लोक के मालिक छैथ जे
से छैथ आहाँ के शुहाग
गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य

कैलाशे पर अहाँ के रखता
फूसक कुटिया बनाय, गे दाई
कैलाशे पर अहाँ के रखता
फूसक कुटिया बनाय,
नीत उठी बाबा के दर्शन करब -2
इहे थिक अहाँ के सौभाग्य
गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य - 2
तीन लोक के मालिक छैन जे
तीन लोक के मालिक छैथ जे
से छैथ आहाँ के शुहाग
गौरी दाय बड़ नीक आहाँ के भाग्य

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