गुरुवार, 7 जुलाई 2016

भोले करुणामय सरकार लिरिक्स - Bhole Karunamay Sarkar Lyrics

अढरण-ढरण अहाँ शिव शंकर महिमा अपरम्पार।
भोले करुणामय सरकार॥

यदपि दिगम्बर अहाँ कहाबी, छी बाघम्बर धारी।
पारवती पति पार के पाओत, हे शंकर त्रिपुरारि। 
अहिंक दया सागर में भरी, डुबकी बारंबार। 
भोले करुणामय सरकार।।

अपने पंचानन शिव शंकर अम्बा दस मुख धारी।
चम-चम कर त्रिशूल दशो दिसि प्रबल प्रभाव पसारी।
अर्ध चन्द्रसिर सुधा संग छथि निर्मल गंगाधर। 
भोले करुणामय सरकार॥

वाहन वरद अहाँक, जननि रखने छथि सिंह सवारी। 
गणपति मूस, मयूर खड़ानन ई अदभूत परिवारी।
सह- सह साँप सगर तन करइछ डमरू वेदोच्चार। 
भोले करुणामय सरकार॥

तेसर नेयन प्रदीप मुदा छी शान्तिपथक अनुगामी। 
पसरल पुनः अशान्ति जगत मे हे करुणामय स्वामी।
हे गौरी हर शिवशंकर, अपने पर सभ भार ।
भोले करुणामय सरकार॥

अदरण हरण अहांका शिवशंकर महिमा अपरम्पार।
भोले करुणामय सरकार॥
                                                          
गीतकार: मैथिली पुत्र 'प्रदीप' (प्रभुनारायण झा)

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