सीता माता के मैथिली गीत लिरिक्स
जगत जननि अहाँ मिथिलाक धिया सिया, 
धन्य धन्य मिथिलाक धाम माता मैथिली।।
मिथिलेक भूमि मध्य हमरो जनम भेल, 
तन मन हमर महान माता मैथिली।।
मिथिलेक सुरुजक भेटए किरिण नित, 
देथि इजोत सेहो चान माता मैथिली॥
मिथिलेक गुज - गुज राति अन्हरिया, 
मिथिलेक भोर आर साँझ माता मैथिली॥
गगन पवन सब मिथिलेक सुन्दर, 
एकरे सुखद अभियान माता मैथिली॥
युग - युग केर ऋण माथ धरब नित, 
अहँक चरण सुख धाम माता मैथिली॥
अहिँक कृपादृग ज्योति प्रदीपित, 
रहब सदय सिया - राम , माता मैथिली॥
गीतकार: प्रभुनारायण झा (मैथिली पुत्र प्रदीप)
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