शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

घूमे राम-लखन दुनू भइया, नदी के तीरे-तीरे ना लिरिक्स - मैथिली कीर्तन गीत

घूमे राम-लखन दुनू भइया, नदी के तीरे-तीरे ना
घूमे राम-लखन दुनू भइया, नदी के तीरे-तीरे ना
नदी के तीरे-तीरे ना...

किनका बिनु रे सून अयोध्या, किनका बिनु चौपाया
किनका ले, रे मोरा सून रसोइया, आब के भेजन बनाइ
नदी के तीरे-तीरे ना...

राम बिनु मोरा सून अयोध्या, लछुमन बिनु चौपाया
सीता लए मोरा सून रसोइया, के देत भोजन बनाइ
नदी के तीरे-तीरे ना...

कओन गाछ तर आसन वासन, कओन गाछ तर डेरा
कओन गाछ तर भीजैत हेता, राम-लखन दुनू भइया
नदी के तीरे-तीरे ना...

चानन गाछ तर आसन वासन, चम्पा गाछ तर डेरा
अशोक गाछ तर भीजैत हेता, राम-लखन दुनू भइया
नदी के तीरे-तीरे ना...

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