कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे
कहमा से उठलै रामा कारी रे बदरबा, कहमा बरसि गेल मेघ
अयोध्या से उठलै रामा कारी रे बदरबा, मिथिला बरसल मेघ
कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे...
किनका के भीजइ रामा, लाली रे चदरिया
किनका के भीजनि पटोर, प्रेम-रस बुन्दिया मे
कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे...
राम जी के भीजइ रामा, लाली रे चदरिया
सीया जी के भीजनि पटोर, प्रेम रस बुन्दिया मे
कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !