गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे लिरिकल - मैथिली कीर्तन

कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे

कहमा से उठलै रामा कारी रे बदरबा, कहमा बरसि गेल मेघ
अयोध्या से उठलै रामा कारी रे बदरबा, मिथिला बरसल मेघ
कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे...

किनका के भीजइ रामा, लाली रे चदरिया
किनका के भीजनि पटोर, प्रेम-रस बुन्दिया मे
कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे...

राम जी के भीजइ रामा, लाली रे चदरिया
सीया जी के भीजनि पटोर, प्रेम रस बुन्दिया मे
कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे

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