शनिवार, 12 अक्तूबर 2024

कोने वरण सिया जनक दुलारी लिरिक्स - Kone Varan Siya Janak Dulari

पारम्परिक कोहबर लोकगीत

कोने वरण सिया जनक दुलारी
कोने वरण भगवान, कोबर रंग धरि
कोने वरण भगवान, कोबर रंग धरि

गोरे बदन सिया जनक दुलारी
श्याम वरण भवन, 
कोबर रंग धरि...

किनका सिर सोभे लाली रे सिंदुरिया
किनका सोभैन श्री मोर, 
कोबर रंग धरि...

सिया जी सिर सोभे लाली रे सिंदुरिया
राम जी के सोभे श्री मोर,
कोबर रंग धरि...

ताहि कोबर सुतय गेलैन रामचंद्र दुल्हा
देखै लागि सिया सुकुमारी,
कोबर रंग धरि...

जुग जुग जीवथि रामचन्द्र दुल्हा
जुग जुग सिया अहिबात,
कोबर रंग धरि...।

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