गुरुवार, 6 सितंबर 2018

राज बगियामे देखल दुइ चोर के लिरिक्स - मैथिली कीर्तन Raj bagiyame dekhan duee chor ke lyrics

राज बगियामे देखल दुइ चोर के
एक श्यामल एक गोर के ना
काँखमे फूल तोड़ि राखय, तखन सखि सबके ताकय
देखल मुसकैत दुनू ठोर के, एक श्यामल...
आँखिये-आँखिये ताकय, ताकि सखि सभक मन मोहय
बर होइहें सीया के रघुवर श्याम हे, एक श्यामल
फूल लयला मुनि के पास, ठाढ़ भेला चुपचाप
मुनि बुझल मनक बात ओहि चोर के, एक श्यामल...
मुनि दिन्ह आशीर्वाद, पुरल सभक मनक आश
जनक छथि बड़ उदास प्राण देखि के, एक श्यामल...
अयला बड़े-बड़े बीर, तोड़ि नहि सकल धुन-तीर
सभ चलि भेला अपन हिम्मत छोड़ि के, एक श्यामल...
कहथि मुक्तेश्वर राय, राजा गेला घबराय
दियनु मिलाय धनुषा तोड़ि के, एक श्यामल...

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