जखन सिया जी तेजि मिथिला सँ चलली,
हे की कहिअ बहिन
मिथिला खसल मुरझाय,
हे की कहिअ बहिना
नयन सँ झहरनि नोर,
हे की कहिअ बहिना
कनथिन सुनैना रानी तोता आर मयना,
हे कि कहिअ बहिना
कहलो ने जाइ अछि सिया केर सुरतिया,
हे कि कहिअ बहिना
आब सिया जेती बिसराय,
हे कि कहिअ बहिना
कहथिन पूनम रानी अपनी बचनिया,
हे की कहिअ बहिना
फेर सिया औथिन मिथिला धाम,
हे कि कहिअ बहिना
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