गुरुवार, 21 अप्रैल 2016

कोने बहिनी पातरि-छीतरि, कोने बहिनी मोट लिरिक्स Kaune bahini patari chhitari kaune bahini

कोने बहिनी पातरि-छीतरि, कोने बहिनी मोट
कोने बहिनी लोढ़य कमलक फूल
फुलबा लोढ़इते विषहरि गेली मउलाइ
माझे रे कदम तर विषहरि गेली मउलाइ
जएह किछु मंगबें अभगली झटपट मांग
जायब मृतभुवन होइ छै सांझ
पुत्र जे देब विषहरि, छीनि जुनि लेब
बांझी पद छोड़ायब विषहरि, पति राखि लेब

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