नदीया के तीरे-तीरे गछुलिया,
फले फूले माँतल हे
ताहि तर ठाढ़ भेल अपन बाबा,
हकन्न कानय हे
कथीय लय नोतब देव लोक,
कथीय लय दियादनी लोक हे
कथीय लय रूसल अपन बहिनी,
ओ जे मरबो न सोभय हे
धान लय नोतब देवलोक,
सिन्दुर लय दीयादनी हे
दान लय नोतब अपन बहिनी,
ओ मरबा जे सोभय हे
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